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बिहार की गर्म कुंवारी चूत-2

आपने पहले भाग में पढ़ा कि चांदनी ने मेरे जानवर को जगा दिया था। मुझे चूत का चस्का लग गया था। चांदनी की बदौलत मुझे आज उसको चोदने का मौका मिला था। आपको मालूम ही है कि मुझे मेरे शौ...
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पापा के दोस्त का लंड बड़ा ही मोटा था

मेरा नाम रचना है मैं दिल्ली की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 21 वर्ष है, मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रही हूं, मेरे पिताजी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और वह दिल्ली में ही हैं। मैं घर में इकलौती हूं इसलिए बचपन से ही मैं बहुत बिगड़ी हूं और मैं बहुत जिद्दी भी हूं, इसी वजह से मेरे पापा मम्मी कई बार मुझे डांट भी देते हैं वह कहते हैं कि अब तुम बड़ी हो चुकी हो लेकिन अब तो तुम्हें अपने अंदर की आदतों को बदलना होगा परंतु मैं फिर भी बदलने को तैयार नहीं हूं, मुझे उनके साथ जिद करना अच्छा लगता है। जब भी वह मुझे कहते हैं कि तुम्हें यह काम करना नहीं आता तो मैं उन्हें हमेशा ही कहती हूं कि तो आप लोग मुझे काम सिखाते ही नहीं है। वह दोनों लोग अपने काम में व्यस्त रहते हैं और मेरे लिए उन दोनों के पास वक्त ही नहीं है। मेरी मम्मी भी स्कूल में टीचर हैं, वह भी ज्यादातर अपने स्कूल में ही रहती हैं, उनके पास भी समय नहीं होता, जब वह घर पर होती हैं तो वह स्कूल का ही कुछ काम कर रही होती हैं। मेरे पापा तो बहुत ही व्यस्त हैं, मैं अपने पापा से कई बार कहती हूं कि आप दोनों मेरे लिए बिल्कुल भी वक्त नहीं निकाल पाते। मे...

चचेरे भाई की शादी में मिला लड़का

मेरा नाम मीनाक्षी है मैं फरीदाबाद की रहने वाली हूं, मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रही हूं, मुझे घूमने का पहले से ही बहुत शौक है इसलिए मैं कभी भी कोई टूर मिस नहीं करती,  हमारी कॉलोनी के लोग काफी बार घूमने के लिए जाते हैं मैं हमेशा ही उन लोगों के साथ घूमने के लिए चली जाती हूं। एक बार मेरे चाचा के लड़के की शादी थी वह लोग जयपुर में ही रहते हैं और उन्हें जयपुर में रहते हुए काफी वर्ष हो चुके हैं इसीलिए उन्होंने जयपुर में ही सारा कुछ अरेंजमेंट किया था, मेरे पापा मम्मी कहने लगे कि चलो इस बहाने हम लोग जयपुर भी घूम आएंगे।  मैंने भैया के साथ भी काफी वक्त से समय नहीं बिताया है। मेरे पापा कहने लगे इस बार मैं ऑफिस से जल्दी छुट्टी ले लूंगा और हम लोग 15, 20 दिनों तक जयपुर में ही रहेंगे, मैंने पापा से कहा यह तो बहुत अच्छी बात है, कम से कम इस बहाने हम लोग घूम भी लेंगे और चाचा,  चाची के साथ समय भी बिता लेंगे। मैं भी काफी समय से जयपुर जाने की सोच रही थी, मैंने ही सारे टिकट करवा दिए, पापा ने मुझे उसके पैसे भी दे दिए थे, हम लोग ट्रेन से ही जयपुर गए। जब हम लोग जयपुर पहुंचे तो हमारे पास क...

बिजनेस पार्टनर की पत्नी का गदराया हुआ बदन

मेरा नाम अक्षय है मैं पुणे का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 28 वर्ष है। मैं कुछ समय पहले जॉब करता था, जॉब कर के ही मैं अपना गुजर बसर करता था लेकिन जब मेरा जॉब से मन हटने लगा तो मैंने सोचा कि मुझे अपना ही कोई काम कर लेना चाहिए लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं अकेला ही अपना काम खोलता इसीलिए मैं सोचने लगा कि मैं किसी के साथ पार्टनरशिप में अपना काम खोलूं। काफी समय तक तो मुझे कोई भी नहीं मिला लेकिन एक दिन जब मेरी मौसी हमारे घर पर आई हुई थी तो वह कहने लगी कि सोहन भी अपनी नौकरी से बहुत परेशान हो चुका है और वह अपना कुछ कारोबार खोलने की सोच रहा है यदि उसका साथ कोई दे तो वह उसके साथ मिलकर कुछ काम खोल सकता है। उसी दिन जब मैं शाम को घर लौट कर आया तो मेरी मम्मी ने मुझे बताया कि सोहन भी कुछ काम खोलना चाहता है यदि तुम दोनों मिलकर कुछ काम खोलो तो हो सकता है तुम अपने काम में सफल हो जाओ। यह बात सुनकर मैं बहुत खुश हुआ और मैंने उसी वक्त सोहन को फोन कर दिया, मैंने सोहन से कहा कि क्या तुम वाकई में कुछ काम खोलने की सोच रहे हो, वह मुझे कहने लगा हां मैं अपने ऑफिस से बहुत परेशान हो चुका हूं, मे...

एक नौजवान युवक से हुई मुलाकात

मेरा नाम कविता है मैं एक शादीशुदा महिला हूं, मेरी शादी को 7 वर्ष हो चुके हैं, 1 वर्ष पहले मेरी मुलाकात रोहित के साथ हुई। एक दिन जब मैं अपने ऑफिस से लौट रही थी तो उस दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी, मैंने अपने पति को फोन किया तो वह कहने लगे कि आज बहुत ज्यादा बारिश हो रही है, मैं तुम्हें लेने नहीं आ पाऊंगा क्योंकि रास्ते पूरे बंद हो रखे थे, मैंने उनसे कहा कि ठीक है मैं खुद ही देखती हूं। मेरे साथ मेरी ऑफिस की एक लड़की और भी थी, वह भी टेंशन में आ गई और कहने लगी कि मैं घर कैसे जाऊंगी, मैंने उसे कहा तुम मेरे साथ ही चलना। उस दिन कुछ ज्यादा ही बारिश हो रही थी इसलिए बाहर निकल पाना भी संभव नहीं हो रहा था और बहुत तेज हवाएं भी चल रही थी। जब बारिश थोड़ा कम हुई तो मैंने अपनी सहेली को कहा कि क्या हम लोग चले, तो वह कहने लगी ठीक है हम लोग चलते हैं, हम अपने ऑफिस से कुछ दूरी पर ही गए थे तो वहां पर एक बहुत ही गहरा गड्ढा था। पानी सड़क पर पूरा भरा हुआ था इसलिए वह गड्ढा बिल्कुल भी नहीं दिखाई दिया, जब मैंने उस पर पैर रखा तो मेरा पैर गड्ढे के अंदर फस गया, मैं मदद के लिए चिल्लाने लगी लेकिन उस वक्...