हेलो फ्रेंड, मेरा नाम ओमकार है और मै औरंगाबाद का रहने वाला हु। मेरी हाइट 5″7 इंच और 6″ इंच है।
और कोई भी लड़की एक बार मुझे देख ले, तो सोचने को मजबूर हो जाती है और अब मै आप को बोर ना करते हुए, सीधे कहानी पर आता हु. बात आज से एक साल पहले की है, जब मै नया – नया मुंबई आया था. मेरी जॉब मुंबई में एक कॉल सेण्टर में थी. मेरी जॉब के ट्रेनिंग टाइम के दौरान, एक लड़की पूनम जिसकी फिगर 32।36।34 होगी, मेरी मस्त दोस्त बन गयी. शुरुवात में तो, मुझसे उससे बात करने में थोडा अजीब लगता था, पर जैसे – जैसे वक्त बीतता गया, हम अच्छे दोस्त बन गये. वो मुंबई एक पेइंग गेस्ट में रहती थी. धीरे – धीरे हमने एक दुसरे से अपने फ़ोन नम्बर एक्सचेंज कर लिए और हम फ़ोन पर बात करने लगे थे. कॉल सेण्टर में ज्यादा एक – दुसरे से बात करना एलाऊ नहीं था. एक दिन हमारे मेनेजर ने उसे डाट दिया और वो रोने लगी. थोड़ी देर बाद, मै उसके पास गया और उसे चुप करवाया और बोला, कि मै तेरी हेल्प करू? और वो इस बात से बहुत खुश हुई और हम पास – पास बैठने लगे. हम और भी अच्छे दोस्त बन गये थे और हम दोनों हर बात शेयर करने लगे. हमारा मेनेजर हमारे काम से बहुत खुश था.
एक महीने बाद, मेरी और उसकी पहली सैलरी आई. वो और मै बहुत खुश थे. मैने उसे बोला, मुझे पार्टी कब दे रहे हो? तो उसने बिना शर्माए बोला, जब आपका मन करे, तब ले लेना. वैसे भी, आपने मेरी बहुत हेल्प करी है. हमने सैटरडे का दिन फ़ाइनल किया. क्योंकि सन्डे को हमारी छुट्टी होती है. सैटरडे को वो और मै एक साथ ऑफिस से बाहर निकले और ग्रामीण सेवा पकड़ कर, मेरे फ्लैट पर चल दिए. रास्ते में, मैने पूछा – कुछ ड्रिंक लेना पसंद करोगी? उसने बोला – हाँ, थोड़ी वोडका ले लुंगी. मैने रास्ते से एक बोटेल वोडका और कुछ खाने का सामान लिया और मेरा फ्लैट पर चल दिए. वहां जाकर, हमने 2 2 पेग लिए और बातें करने लगे और उसने मुझे हेल्प करने के लिए थैंक्स बोला. वो बात करते – करते रोने लगी और बोली – अगर, आप नहीं होते. ये जॉब नहीं होती मेरे पास. मैने उसे चुप करवाया. उसके आंसू पूछे और वो एकदम सा मेरे गले लग गयी. उसकी चूची मेरी छाती पर लगने लगी. पहले मुझे कुछ अजीब सा लगा. फिर बाद में, मुझे भी मज़ा आने लगा. मैने अपना एक हाथ उसकी कमर पा घुमाने लगा और उसे समझाने लगा. मेरा ऐसा करने से शायद वो गरम हो गयी थी.
उसने एकदम से मेरे होठो पर किस किया और बोला – ओमकार अब मुझे छोड़ कर कहीं मत जाना. मै आपके बिना नहीं रह पाऊँगी. फिर उसने मुझे दोबारा किस करना शुरू कर दिया. मै भी किस कर रहा था. मैने उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए थे. फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मुझे नीचे लिटा दिया और वो मेरे ऊपर आ गयी. वो मुझे किसी झल्ली की तरह मस्ती में किस कर रही थी. अब मैने भी उसकी शर्ट उतार दी. वो अब सफ़ेद रंग की ब्रा और नील रंग की पेंटी में थी. हम दोनों पर वोडका और सेक्स का जोश चड़ा हुआ था. थोड़ी ही देर में हम दोनों, बिलकुल नंगे थे और एक दुसरे की बाहों में झूल रहे थे. उसने मेरा लौड़ा मेरे मुह में ले लिया और उसको चूसने लगी. मैने तो मानो सातवे आसमान पर था. फिर मैने उसे बोला – मेरा निकलने वाला है. पर उसने मेरा लण्ड चुसना नहीं छोड़ा और 5 मिनट बाद, मेरा पूरा पानी उसके मुह में निकल गया. जिसे वो पूरा का पूरा पी गयी. अब मैने उसे नीचे लिटा कर, उसकी चुत को चुसना शुरू कर दिया. मुझे उसकी चुत में से बड़ी गन्दी बदबू आ रही थी. पर फिर भी, मै उसकी चुत चूस रहा था. कभी एक ऊँगली उसकी चुत में डाल देता, तो कभी उसकी गांड में और वो भी मस्ती भरी सिसकिया ले रही थी. वो अपने हाथो से मेरा सिर पकड़ कर अपनी चुत में दबा रही थी.
फिर कुछ ही देर में, उसका पानी निकल गया. अब हम 69 अवस्था में आ चुके थे. मेरा ;लौड़ा फिर से सलामी दे रहा था और श्वेता भी गरम हो चुकी थी. अब उसने बोला – ओमकार अब नहीं रहा जा रहा है. डाल दो अपना लौड़ा मेरी चुत में. मैने भी सही मौका देखते ही, अपना लौड़ा उसकी चुत में मुह पर लगा दिया. उसकी चुत का छेद काफी छोटा था. जिसकी वजह से मेरा लण्ड बार – बार फिसल जाता था. अब मेरा लौड़ा बार – बार उसकी चुत पर लगाने से वो और भी गरम हो गयी. फिर उसने एक हाथ से मेरा लण्ड पकड़ा और अपनी चुत पर लगा दिया. मैने भी जोरदार धक्का मारा और आधा लौड़ा उसकी चुत में घुसा दिया. वो एकदम से चीख पड़ी. मैने उसके मुह पर अपना हाथ रख दिया. वो रोने लगी और मुझसे छुटने की नाकाम कोशिश करने लगी. थोड़ी देर बाद, जब उसका दर्द कम हुआ. मैने एक और जोरदार धक्का मारा और पूरा लण्ड उसकी चुत में डाल दिया. वो दर्द के मारे रोने लगी थी. पर कुछ ही देर में, वो चुत उठा – उठा कर मेरा साथ देने लगी. अब चेहरे पर आंसू और मुस्कान होने थे. मुझे बड़ा मजा रहा था उसे चोदने में. मै उसे चोदते हुए, कभी किस करता, तो कभी उसके बूब्स दबाता. वो २ बार झड़ चुकी थी.
15 मिनट की चुदाई के बाद, मेरा भी पानी निकलने वाला था. तो मैने उसे बोला, मेरा तो होने वाला है. कहाँ निकालू? तो उसने बोला – अन्दर ही निकाल दे. मै आई – पिल ले लुंगी. फिर मैने अपना सारा पानी उसकी चुत में ही निकाल दिया. जब मैने लौड़ा उसकी चुत से बाहर निकाला. तो देखा, मेरे लण्ड पर खून लगा हुआ था. उसकी चुत सूज कर फूल चुकी थी. हम दोनों नहाने चले गये. श्वेता से चला भी नहीं जा रहा था. मै उसे अपनी गोद में उठा कर वाशरूम तक ले गया और वहां फिर हम दोनों एक साथ नहाये. फिर मैने दोनों ने मिलकर खाना बनाया. हम दोनों बिलकुल नंगे थे. हमने फिर से 2 2 पेग वोडका के मारे और खाना खाया. खाने के बाद, एक बार फिर से हम चुदाई के लिए तैयार थे. मैने अपने लौड़े को उसके मुह में घुसा दिया और वो मेरे लौड़े को चूसने लगी. फिर, मैने अपने लौड़े को उसके शरीर पर घुमाना शुरू किया और मेरा लण्ड उसके मुह से चल कर, उसके बूब्स से होता हुआ, उसकी सूजी हुई चुत तक पहुच गया. मैने उसे फिर घोड़ी बनाया और पीछे से लण्ड उसकी चुत में घुसा दिया.
अब वो और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी. मैने अब उसे चोदते हुए, अपनी एक ऊँगली उसकी गांड में डाल दी. वो मजे लेकर चुदवा रही थी और थोड़ी ही देर में उसका पानी निकल गया. उसने मुझे लौड़ा बाहर निकालने को बोला. मैने अपना लौड़ा उसकी चुत से निकाला और उसकी गांड में डालने की कोशिश की. पर उसकी गांड बहुत टाइट थी. उसने कहा – पीछे वाला नहीं, बहुत टाइट है. मै मान गया और फिर मैने क्रीम ली और अपनी लण्ड को और उसकी गांड को क्रीम से लेप लिया और फिर मेरा लण्ड उसकी गांड में आराम से चले गया. फिर, मैने उसकी गांड को रौंदते हुए, उसके छेद को अपने माल से भर दिया. फिर हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गये।

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