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तीन लड़को से चुदवाया

हेलो दोस्तों मेरा नाम मधु है मैं यूपी के एक गांव में रहती हूं. मेरी उम्र 40 साल है. मेरे पति एक कपड़े की फैक्ट्री है उसने मैनेजर की नौकरी करते हैं अक्सर उन्हें फैक्ट्री के कामों से बाहर जाना पड़ता है.
मेरे घर में मैं और मेरी 15 साल की एक लड़की रहती है, हम लोग बहुत खुश थे मेरी जिंदगी बहुत अच्छे से बीत रही थी पर तब तकदीर में कुछ ऐसा खेल खेला मेरी जिंदगी बदल गई मेरे पति कुछ काम से दो हफ्तों के लिए दिल्ली गए हुए थे. संडे का दिन था. मेरी बेटी अपने फ्रेंड के घर पढ़ाई करने गई थी.
मैं घर में अकेली थी दोपहर के 2:00 बज रहे थे अचानक मुझे बाहर से कुछ आवाज आई मैं खिड़की में से बाहर देखी घर के पीछे 3 कूड़ा बीनने वाले कूड़ा बीन रहे थे तभी उनमें से एक लड़का अपने पैंट में से अपना लंड निकालकर पेशाब करने लगा.
मैंने देखा उसका लंड दिखने में बहुत मोटा लग रहा था. फिर मैंने सोचा मैं यह क्या देख रही हूं और मैंने खिड़की बंद कर दी मेरे मन में न जाने क्यों अजीब से बाहर आ रहे थे उस लड़के का लंड मेरे मन में बार बार आ रहा था. फिर मैंने मन को काबू करते हुए अपने रुम में चली गई.
फिर अचानक तीनों लड़कों की आवाज है जोर जोर से आने लगी और इस बार कुछ अजीब सी आवाजें आ रही थी मेरे घर के पीछे बहुत जंगल टाइप का एरिया है इसलिए वहां कोई आता जाता नहीं है. फिर मैंने देखा मैंने जब देखा तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गयी. वह तीनों लड़के अपना अपना लंड निकालकर हिला रहे थे मैं देखती रही 10 मिनट तक एक-एक करके तीनों का माल गिर गया और फिर तीनों चले गए उनके जाने के बाद मेरे मन में अजीबो गरीब ख्याल आने लगे और मुझे भी चुदाइ करवाने का मन करने लगा.
उस रात मैंने अपनी उंगली से काम चलाया अगली सुबह मेरी बेटी को टिफिन तैयार किया 7:00 बजे वह स्कूल चली गई मैं घर के काम में व्यस्त हो गई मगर मेरे मन में उन तीनों लड़कों का ल़ंड घूम रहा था काम करते-करते 12:00 बज गए. मैं अपने रूम में टी.वी देख रही थी कि अचानक फिर से वही आवाज है आने लगी.
मैंने सोचा यह मेरा भ्रम है फिर आवाज और तेज आने लगी मैंने खिड़की खोल कर देखा तो वही तीनों लड़के बैठे थे मैंने सोचा आज बेटी घर पर नहीं है क्यों ना आज इन तीनों को घर पर बुलाओ और मजे करो मैं घर के पीछे गई मैंने पीले कलर की साड़ी पहनी थी और जानबूझकर ब्रा नहीं पहना था मैं गई वह तीनों बातें कर रहे थे. मैंने उनसे कहा सुनो लड़की मेरे घर में बहुत कूड़ा है अगर तुम्हें चाहिए तो आकर ले लो वह तीनों मुझे देखने लगे उनकी आंखों में सांप दिखाई दे रहा था क्योंकि आंखें मुझे वासना की नजरों से देख रही थी.
फिर उसमें से एक लड़का उठा और अपनी बोरी लेकर आने लगा मैंने कहा तीनों अपनी बुरी लेकर आओ कूड़ा बहुत ज्यादा है और मैं पीछे और कर जाने लगी और अपनी कमर मटकाते हुए तीनों मेरे पीछे पीछे आने लगे मैं उनको अपने पुराने रूम में ले गई वहां पर पुराने सामान कपड़े रखे हुए थे. उस रुम में मैं गई मैंने उनसे कहा जो सामान तुम्हारे लायक हूं उसे ले लो मैं जानबूझकर उनको इस रुम में लाइट क्योंकि इस रूम में मेरे पुराने कपड़े ब्रा पेंटी रखे हुए थे.
वह तीनों रूम में इधर उधर देखने लगी मैं भी वहीं खड़ी थी एक लड़के ने बॉक्स खोला तो उसने मेरी गलती हुई थी उसने उसको उठाया और देखा कि कहीं मैं देख तो नहीं रही चोरी से फिर मेरी ब्रा को बोरी में भर लिया. उसमें से एक लड़का बहुत शरारती था उसे मेरी पैंटी मिली और उसने मुझसे कहा भाभी जी यहां तो कुछ भी नहीं मिला शिवाय आपकी पेंटी के शायद यह आपकी है मैंने कहा नहीं यह मेरी नहीं है. फिर उसने कहा नहीं भाभी जी यह आप ही की लग रही है. मैंने हिम्मत करके अपनी साड़ी उठाई और बोली लो देखो मेरी कमर की साइज यह नहीं है, मैं एकदम गर्म हो गई थी.
मैंने उनसे कहा तुम मेरा एक काम करोगे तुम तीनों आज मुझे खुश कर दो मेरी जिस्म की आग को बुझा दो मेरी चूत में लगी आग को ठंडा कर दो…. ऐसा कहते हैं तीनो मुझ पर टूट पड़े उन्होंने अपने पैंट में से अपना ल** निकाला और मेरे हाथों में पकड़ा दिया मैंने बारी-बारी से तीनों का ल** चूसा 20 मिनट तक मैंने तीनों का ल** चूसा और तभी मुझे याद आया कि मेरी बेटी की आने का समय हो गया.
मैंने उनसे कहा रुको मेरी बेटी आने वाली है, अभी तुम लोग जाओ वह एक लड़के ने कहा अभी करने दो ना मैंने घड़ी की तरफ दिखा दो बज रहे थे. मैंने कहा तुम्हारे पास 20 मिनट है जो करना है करो मेरी मेरी तरफ से तुम्हें पूरी छूट है तीनों ने जल्दी से अपने कपड़े उतारो और मेरे भी कपड़े आप केसे होती मुझे जमीन पर डाल दिया,
और मेरी चूत में लंड डालकर चुदाइ करने के लिए दूसरे लड़के ने मेरी गाड़ मेरे लंड** डाला और तीसरे में मेरे मुंह में तीनों जोर-जोर से चुदाइ करने लगे.
मैं चिल्लाकर मजे भी नहीं ले पा रही थी 20 मिनट के अंदर ही मुझे जन्नत की सैर करा दी पहले नहीं चूत में अपनी माल गिरा दी. दूसरे ने गांड में तीसरे में मुंह में जैसे ही 20 मिनट हुआ.
मैंने अपने कपड़े जल्दी से पहले और उनको अभी कहां है जल्दी से जाओ उनके जाते ही मेरी घर की घंटी बजी और दरवाजे पर मैंने देखा मेरी बेटी थी. दोस्तों मुझे मेरी जिंदगी सबसे अच्छी 20 मिनट है याद रखेंगे. 

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